Spiritual Love quotes in hindi

इस अंक में Spiritual love quotes in hindi प्रस्तुत हैं। ये कुछ चुनिंदा पंक्तियों का एक छोटा सा संग्रह एवं प्रयास है।

“मैं प्रेम हूं” उस स्वधीन सांस का जो तुम्हारी ह्रदय की गहराइयों में किसी वेगुनाह की तरह कैद है। प्रभु स्वयं प्रेम का मूर्त स्वरूप हैं। हम उनके चरणों में पड़े किसी फूल की तरह हैं। जैसे कि साधारण एक गेंदे का फूल। यदि मुरझा जाएंगे या सूख भी जाएंगे तो हमको फेंका नहीं जाएगा। प्रेम में किया हुआ समर्पण हमें इतना महत्वपूर्ण बना देता है। प्रेम मानव जीवन का एक अति महत्वपूर्ण अंग है।

जबकि स्त्री के लिए प्रेम ही उसका सम्पूर्ण अस्तित्व है। यह एक ऐसा विद्यालय है, जिसमें हम एक बार एडमिशन करा लें तो फिर कभी निकलने की स्थिति ही नहीं बनती। यदि आपने कभी किसी से सच्चा प्रेम किया होगा। तो उसमें आपको ईश्वर दिखाई दे जाएगा।

Spiritual love quotes in hindi

आकर्षण की एक अपनी समय सीमा तय होती है। जबकि सच्चे प्रेम की कोई समय सीमा तय नहीं होती।

Spiritual Love quotes in hindi

“धैर्य एवं त्याग समझना हो तो रूक्मिणी का समझो। जो श्रीकृष्ण से विवाहोपरांत अर्द्धांगिनी बनने के पश्चात् भी अपने पति परमेश्वर के साथ पराई स्त्री का नाम जुड़ता हुआ देख उन्हें ईश्वर मान पूजती रही…!”

– Quote collection

“भविष्य में यदि कभी ईश्वर ने चाहा और हम मिले। तो मै अन्य प्रेमियों की तरह तुम्हें भेट में गुलाब झुमके नहीं दूंगा। मैं तुम्हें बिल्ब् पत्र व शमी के दो पौधे भेट करूँगा। और बदले में तुलसी का पौधा भेट लूंगा तुमसे जो अपने घर के आंगन में स्थापित कर प्रतिदिन प्रेम से सिंचित करूँगा..!”

– Quotes diary

“हम अस्थियां बन तेरे हाथों में फिर भी मिलेंगे। सूर्य की पहली किरण के साथ तुम कर देना प्रवाहित उन अस्थियों को दो फूल,कुछ चावल..! मैं लौटकर आऊंगा गंगा की लहरों में तुम्हारे पैरो के अंतिम चिन्ह चूमने। उन्हें समेट अपने हृदय के कलश में,मैं बह जाऊंगा आनन्द से अभिभूत उस नयी दुनिया मे…!”

– Quotes diary

“ये अहंकार और स्वार्थ मेरे पूर्व के कुसंस्कारों के फल हैं। मेरे तो सर्वोच्च आदर्श , चिरंतन और सम्पूर्ण आत्मत्याग हैं! जिनमें किसी प्रकार का “मैं” नहीं बस “तू” ही “तू” है..!”

– Quotes diary

“स्मृतियाँ सहजता से लक्ष्य की ओर लेकर जाती हैं।जिसमें प्रेम है ! समर्पण है ! मनुष्यता से युक्त भाव है ! ज्ञान की पराकाष्ठा है ! विरह-वेदना का प्रवाह है ! हर क्षण एक उत्कंठा है ! हृदय में प्रवाहित ये अवस्था पथिक की श्रेष्ठ स्थिति है…!”

– Quote collection

“वसंत के समीर और ग्रीष्म की लू में कितना अंतर है। एक सुखद और प्राण-पोषक! दूसरी अग्निमय और विनाशिनी। प्रेम वसंत समीर है, द्वेष ग्रीष्म की लू। जिस पुष्प को वसंत समीर महीनों में खिलाती है! उसे लू का एक झोंका जलाकर राख कर देता है।”

– Quote collection

“हर प्रतीक्षा का अंत करने ईश्वर स्वयं आते हैं। फिर चाहे वो सती के प्रेम की हो, शबरी के वात्सल्य की या मेरे धैर्य की।”

– Quote collection

“प्रेम में प्रेमी जैसे अपनी प्रेयसी की प्रत्येक वस्तु को प्रिय मानता है। ठीक वैसे ही जो मनुष्य ईश्वर से प्रेम करता है! उसके लिए संसार प्रिय हो जाता है..क्योंकि ये संसार भी तो ईश्वर का ही है..!”

– Quotes diary

“एक बार सुदर्शन चक्र हाथ में आया, दोबारा फिर बांसुरी के हो नहीं पाए..#नंद-नंदन.. #जयश्रीकृष्णा..!”

– Quotes diary

“जीवन के एक पड़ाव पर कुछ लोग बहुत याद आते हैं, ये वही लोग होते हैं जिनको हमने एक समय पर ठुकरा दिया होता है।”

– Quotes diary

“किसी रोज मंदिर में मन्नत के लिए बांधे सारे धागे खोल आऊँगा और,आजाद कर दूंगा तुमको सारे बंधनों से ..!”

– Quote collection

“दुनियां बदल जाएगी..
संसार बदल जाएगा..!
बस आप ना बदलना.!”

– Quote collection

“किसी मंदिर के द्वार पर बंधे मन्नत के धागों सा
स्नेह मेरा सदा आपकी शुभेच्छा की कामना करता है!”

– Quote collection

“विधाता ने कितनी खूबसूरत दुनिया बनाई और कितने खूबसूरत लोगों को बनाया, वास्तविकता में विधाता की प्रत्येक रचना अकल्पनीय सौंदर्य से भरी हुई है..।”

– Quote collection

“प्रतिज्ञा भीष्म जैसी,
कर्म कृष्ण से, त्याग रघु सा
हमारी छाती में साँस तेरी
तू ही दीर्घ बाक़ी सब लघु सा…!”

– Quotes diary

“नजर सुंदर हो तो नजारे स्वतः खूबसूरत हो जाते हैं…!”

– Quotes diary

“कोई गंगा मिले तो प्रयागराज हो जाऊं..!”

– Quotes diary

“गुजरे हुए लम्हो के पत्ते तोड़ते हुए या पतझर में गिर जाए कोई पत्ता पुरानी यादों का। वक्त ठहर कर चूम लेता है उसे मधुमास सा..! कोई भँवरा मचल उठता है कोई तितली बहक जाती है। होते है कुछ लम्हे खूबसूरत से जो झरते है अमलताश के फूलों की तरह मन खिलता भी है मन टूटता भी है..!”

– Quotes diary

“वसंत के समीर और ग्रीष्म की लू में कितना अंतर है। एक सुखद और प्राण-पोषक, दूसरी अग्निमय और विनाशिनी। प्रेम वसंत समीर है, द्वेष ग्रीष्म की लू जिस पुष्प को वसंत समीर महीनों में खिलाती है उसे लू का एक झोंका जलाकर राख कर देता है।”

– Quote collection

“प्रेम में प्रेमी जैसे अपनी प्रेयसी की प्रत्येक वस्तु को प्रिय मानता है, ठीक वैसे ही जो मनुष्य ईश्वर से प्रेम करता है। उसके लिए संसार प्रिय हो जाता है। क्योंकि ये संसार भी तो ईश्वर का ही है।”

– Quote collection

“ये अहंकार और स्वार्थ मेरे पूर्व के कुसंस्कारों के फल हैं। मेरे तो सर्वोच्च आदर्श , चिरंतन और सम्पूर्ण आत्मत्याग हैं जिनमें किसी प्रकार का “मैं” नहीं बस ‘तू’ ही ‘तू’ है।”

– Quote collection

“स्मृतियाँ सहजता से लक्ष्य की ओर लेकर जाती हैं।जिसमें प्रेम है ! समर्पण है ! मनुष्यता से युक्त भाव है ! ज्ञान की पराकाष्ठा है !विहार-वेदना का प्रवाह है ! हर क्षण एक उत्कंठा है ! हृदय में प्रवाहित ये अवस्था पथिक की श्रेष्ठ स्थिति है….जयश्रीराधे.!”

– Quotes diary

“मैं कृष्ण सा बन जाऊ तू राधा सी बन जा,
मैं तुझ में रम जाऊ तू मुझ में रम जा
बन न सके कोई प्रीत तो क्या प्रेम प्रतीक बन जा
की मैं तुझ में रम जाऊ तू मुझ में रम जा …!”

– Quotes diary

“विरह तो अवतार रूप में नारायण को भी देखने पड़े ! चाहे राम का जनक सुता से हो या फिर कृष्ण का राधा से ! ब्रज से.. बाँसुरी से…. प्रेम से..!”

– Quotes diary

“इस साल जब पहला पारिजात खिलेगा, ओस की पहली बूंद, उस हरी दूब को जी भर के भेंट लेगी। जब मौसम की तपिश ठंडी पड़ कर नर्म होने लगेगी। ये रात धीरे-धीरे बीतेगी। जब अलसाए लम्हें, धूप के उस पीले टुकड़े को जीने लगेंगे। तब मेरे शब्द लौट आएंगे। मैं रचूंगा तुम्हारे लिए गुलाबी गीत। तुम्हें कैसे यकीन दिलाऊं कि मुझे सदैव से ‘तुम्हारे प्रेम में पारिजात सा टूटना भाया है’, मैंने सीखा है सिर्फ तुम्हें चाहना और इस साल का हमारे प्रेम के नाम का पहला पारिजात ‘तुम्हें समर्पित होगा’, हाथों की लकीरों को महकाऊंगा ‘तुम्हारे प्रेम से’….♥️”

– Rahul Kumar Yadav

निष्कर्ष-

प्रेम आध्यात्मिक ही होता है। जो व्यावसायिक है वो प्रेम नहीं है। हमारे अनेक सांस्कृतिक ग्रन्थों में प्रेम के अनेक उदाहरण मिलते हैं। क्या जब ईश्वर और महापुरुषों को प्रेम हो सकता है । तो साधारण मनुष्य को प्रेम क्यों नहीं हो सकता।

हमेशा प्रेम स्वच्छंद और निःस्वार्थ एवं आध्यात्मिक होता है। प्रेम चाहे शिव-पार्वती जी का हो या राधा-कृष्ण जी का।

प्रिय पाठक..! आप हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। ठीक वैसे ही आपके सुझाव भी हमारे लिए अति महत्वपूर्ण हैं। इस लेख पर आपके सुझाव आमंत्रित हैं। आप अपने सुझाव ‘कमेंट’ में प्रस्तुत करें। ऐसा मेरा निवेदन है।

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