कृष्ण की चेतावनी ‘रश्मिरथी’

इस अंक में कविवर रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जी द्वारा रचित कृष्ण की चेतावनी संकलित है। जो कि 1952 में प्रकाशित हुए कालजयी खंडकाव्य ‘रश्मिरथी’ का अंश है। वैसे तो इस खंडकाव्य का मुख्य नायक कर्ण है। जिसे इस खंडकाव्य में राधेय भी कहा गया है। इस रचना के माध्यम से दिनकर जी ने महाभारत के … Read more

रश्मिरथी के दोहे ‘दिनकर’

इस अंक में खंडकाव्य रश्मिरथी के दोहे संकलित हैं। यह खंडकाव्य कविराज रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जी की रचना है। जिसका प्रकाशन 1952 में हुआ था। रश्मिरथी का अर्थ है- “सूर्यकिरण रूपी रथ पर सवार” इसमें कुल साथ सर्गो की रचना कवि ने की है। खंडकाव्य में कर्ण एवं माहाभारत के सभी पात्रों का चरित्र चित्रण … Read more

Spiritual Love quotes in hindi

इस अंक में Spiritual love quotes in hindi प्रस्तुत हैं। ये कुछ चुनिंदा पंक्तियों का एक छोटा सा संग्रह एवं प्रयास है। “मैं प्रेम हूं” उस स्वधीन सांस का जो तुम्हारी ह्रदय की गहराइयों में किसी वेगुनाह की तरह कैद है। प्रभु स्वयं प्रेम का मूर्त स्वरूप हैं। हम उनके चरणों में पड़े किसी फूल … Read more