राधा कृष्ण की प्रेम कहानी दिव्य प्रेम और भक्ति की कहानी है।
राधा और कृष्ण का प्रेम भावनात्मक नहीं बल्कि आत्मा का मिलन है।
श्री धाम वृन्दावन में प्रेम और भक्ति का मिलन हुआ।
राधा कृष्ण के प्रेम का प्रथम अध्याय सिखाता है कि प्रेम बिना शर्त का और निस्वार्थ होता है।
श्री कृष्ण चंद जी का मथुरा चले जाना राधा के विरह की परीक्षा थी।
विरह में भी राधा रानी का प्रेम और विश्वास अडिग रहा।
राधा कृष्ण जी की रासलीला आत्मा के दिव्य अलौकिक संगम का प्रतीक है।
राधा कृष्ण के प्रेम का द्वितीय अध्याय 'भक्ति और समर्पण' का संदेश देता है।
उनका प्रेम सिखाता है कि आत्मीय जुड़ाव सबसे गहरा होता है।
राधा कृष्ण के प्रेम से प्रेरणा लें, और भक्ति एवं प्रेम रूपी ईश्वर से जुड़े रहें।
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