“आस्ते भग आसीनस्य !”
अर्थात- ठहरे हुए व्यक्ति का सौभाग्य भी ठहर जाता है।
“सर्वम् जयति अक्रोध: !”
अर्थात् – क्रोध पर नियंत्रण करने से सब को जीता जा सकता है।
“उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुंबकम् !”
अर्थात- उदार चरित्र के व्यक्ति संपूर्ण विश्व को ही परिवार मानते हैं ।
“सर्ववस्तूनि कारणोद्भवानि!”
अर्थात- हर चीज़ किसी न किसी कारणवश ही घटित होती है
“अमृतत्वस्य तु नाशास्ति वित्तेन!”
अर्थ – धन से अमरत्व प्राप्त नहीं किया जा सकता।
“सः रक्षतु मयानुरक्तां सर्वान् !”
अर्थ – ईश्वर हर उस व्यक्ति की रक्षा करे जिससे मैं प्यार करता हूँ।
"अति सर्वनाशहेतुर्ह्यतोऽत्यन्तं विवर्जयेत्।"
अर्थ – अति सर्वनाश का कारण है, इसलिये अति का सर्वथा परिहार्य करें।
“प्रायः सर्वो भवति करुणावृत्तिराद्रान्तरात्मा !”
अर्थ – जो कोमल हृदय के होते हैं वे प्रायः करुणामय होते हैं।
“बह्वारम्भे लघुक्रिया !”
अर्थ – खोदा पहाड़ निकली चुहिया।
“न कूप खननम् युक्तं, प्रदीप्ते वह्निन गृहे !”
अर्थात- घर में आग लगने पर कुआं खोदना किस काम का।
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