10 Best spiritual Love quotes in Hindi

“मैं प्रेम हूं” उस स्वधीन सांस का जो तुम्हारी ह्रदय की गहराइयों में कैद है,  किसी वेगुनाह की तरह।" 

वसंत के समीर और ग्रीष्म की लू में कितना अंतर है। एक सुखद और प्राण-पोषक! दूसरी अग्निमय और विनाशिनी। 

प्रेम वसंत समीर है, द्वेष ग्रीष्म की लू। जिस पुष्प को वसंत समीर महीनों में खिलाती है! उसे लू का एक झोंका जलाकर राख कर देता है।

“हर प्रतीक्षा का अंत करने ईश्वर स्वयं आते हैं। फिर चाहे वो सती के प्रेम की हो, शबरी के वात्सल्य की या मेरे धैर्य की।” 

“किसी रोज मंदिर में मन्नत के लिए बांधे सारे धागे खोल आऊँगा और,आजाद कर दूंगा तुमको सारे बंधनों से ..!” 

“एक बार सुदर्शन चक्र हाथ में आया, दोबारा फिर बांसुरी के हो नहीं पाए..#नंद-नंदन.. #जयश्रीकृष्णा..!” 

“प्रतिज्ञा भीष्म जैसी, कर्म कृष्ण से, त्याग रघु सा हमारी छाती में साँस तेरी तू ही दीर्घ बाक़ी सब लघु सा…!” 

“विरह तो अवतार रूप में नारायण को भी देखने पड़े ! चाहे राम का जनक सुता से हो या फिर कृष्ण का राधा से ! ब्रज से.. बाँसुरी से…. प्रेम से..!” 

“कोई गंगा मिले तो प्रयागराज हो जाऊं..!”