सूर्य का प्रकाश कमल की पंखुड़ियों को, जिज्ञासा बुद्धि को विस्तृत करती है। प्रणाम..! इस अंक में हम Mindful awareness के कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को संक्षेप में समझने का प्रयास करते हैं। सचेतन जागरूकता आपके तनावपूर्ण जीवन को शांतिपूर्ण जीवन में परिवर्तित कर सकती है। इसका सीधा सा अर्थ है, जब कुछ घटित हो रहा हो तभी उस पर ध्यान देना। अन्य शब्दों में कहें तो किसी भी भौतिक या मानसिक घटना की प्रकृति को उसी समय समझने का प्रयास करना जब वो हो रही हो।
वैसे तो इंटरनेट पर इस विषय पर हिंदी में बहुत कम लेख उपलब्ध हैं। इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि हिंदी में इस विषय के पाठको की संख्या का काम होना। खैर हम भारत के लोग हिंदीभाषी है। इसलिए इस विषय को अपनी मातृभाषा में समझने का प्यास करेंगे।
Mindful awareness of Emotions
अपने आवेगों (Emotions) को व्यक्त करना बहुत आवश्यक है। आप क्या महसूस कर रहे हैं? उसको व्यक्त करें। आप डायरी लिख सकते हैं या कहीं भी नोट कर सकते हैं। जब हम भावनात्मक भारीपन महसूस करते हैं, इसके एक ग्राफ होता है। इमोशंस की एक इंटेंसिटी (तीव्रता) होती है। यह इंटेंसिटी समय के साथ-साथ बढ़ती और कम होती है। कुल मिलाकर हमें निम्नलिखित दो कांसेप्ट समझने होंगे। यदि हम इन दो सिद्धांतों को समझ पाएंगे तो हम अपने emotions के लिए Mindful हो जाएंगे। जैसा कि हम अच्छे से जानते हैं कि इमोशंस के लिए माइंडफुल होना हमारी Mental health के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- अपने इमोशंस को डिस्क्राइब करना या समझना कि आप कैसा फील कर रहे हैं।
- इमोशंस के ग्राफ को समझना कि ये महसूस कैसे होते हैं। कब इनकी इंटेंसिटी घटती या बढ़ती है।
Awareness in Relationships
रिश्तों में जागरूकता (Awareness) का उद्देश्य शांति पाना और रिश्तों को बेहतर बनाना है। एक स्वस्थ और अच्छे रिश्ते के दो महत्वपूर्ण स्तंभ होते हैं:- संरेखण (Alignment) और समानअनुभूति(Empathy).
समानुभूति (Empathy) का सीधा सा अर्थ है, “दूसरे की जगह स्वयं को रखना।” यह हमें दूसरे के दृष्टिकोण से चीजों पर विचार करने में मदद करती है। यह ठीक वैसे ही है जैसे हम एक कहावत सुनते आए हैं “कभी मेरे जूते पहनकर देखो।” समानुभूति Relationships को अधिक स्थिर बनाती है। वहीं दूसरी तरफ यह संरेखण के लिए अत्यंत आवश्यक है। In relationships संरेखण का तात्पर्य है विचारों और भावनाओं का एक सीधी रेखा में होना। सामान्य सा उदाहरण है जैसे हम कार के पहियों का अलाइनमेंट करवाते हैं। ठीक वैसे ही एक अच्छे रिश्ते के लिए दो व्यक्तियों के विचारों और भावनाओं का अलाइनमेंट (संरेखण) भी अनिवार्य है। यह तभी संभव है जब हम दूसरे के दृष्टिकोण से चीजों को समझने का प्रयास करें।
Awareness of Living
साशय (Intentionally) जीने की वास्तविक शुरुआत यह समझ लेने से होती है कि ‘हम जो चाहते हैं, वो क्यों चाहते हैं?’ तथा ‘कुछ चीजें क्यों करते हैं?’ कुछ चीजें क्यों नहीं करते हैं?
जागरूकता (awareness) निष्क्रियता को प्रकाशित करती है। यह हमें दीर्घकालिक निर्णय लेने और वर्तमान के प्रत्येक क्षण का आनंद लेने के लिए प्रोत्साहित करती है। जब हम अल्पकालिक सुखों को चुनते हैं तो हमेशा अतृप्त ही महसूस करते रहते हैं।
Awareness of Capacity
ध्यान देने की बात है कि हमारे अंदर बहुत कुछ हमेशा बदलता रहता है। जैसे कि हमारी क्षमता, ऊर्जा, प्रेरणा, शारीरिक बनावट आदि। बदलाव के इस पैटर्न को समझना या realtime moniter करना ही क्षमता के प्रति जागरूकता है। अपनी क्षमताओं के प्रति जागरूकता से ही हम खुद से सर्वश्रेष्ठ प्राप्त कर सकते हैं। जब हम अपने Best version को महसूस नहीं कर पाते हैं, तब समस्याओं और परिस्थितियों पर दोषारोपण करने लगते हैं। हम यह नहीं समझ पाते कि किसी भी कार्य को सबसे बेहतर ढंग से तब किया जा सकता है, जब हमारी शारीरिक और मानसिक क्षमताएं उस कार्य के अनुकूल हों।
Mindful awareness of capacity के साथ हम अपनी आवश्यकताओं और क्षमताओं को ठीक से पहचान सकते हैं। कार्य या गतिविधि के अनुसार अपने मानसिक और शारीरिक परिस्थितियों को तैयार कर सकते हैं।
Also read – प्रेम-क्या-है-गीता-के-अनुसार
Awareness for Connection
ज्यादातर समय हम अपने दिमांग में ही रहते हैं। हम अतीत की घटनाओं पर ही विचार करते रहते हैं। या फिर ऐसी घटनाओं के बारे में सोचते रहते हैं, जो भविष्य में हो सकती हैं। हम दिमांग में ही भूत-भविष्य के अनेक तरह के परिदृश्यों का निर्माण करते रहते हैं। लेकिन जब हम mindfulness का अभ्यास कर रहे होते हैं। तब हम सिर्फ और सिर्फ वर्तमान क्षण पर ध्यान केंद्रित करते हैं। माइंडफुलनेस के अभ्यास से आत्म-जागरूकता का विकास होता है और साथ ही हमारा दिमांग आसपास की हर चीज के बारे में जागरूक होने के लिए प्रशिक्षित होता रहता है।
साथ ही उलझनें स्वतः समाप्त होने लगती हैं। हमें ये समझ आ जाता है कि विचार तो सिर्फ एक विचार ही है। इसमें इतना उलझनें की आवश्यकता है नहीं। दिमांग में अत्यंत शांति की अनुभूति होती है।
Awareness for Connection: दुनिया में अपनी उपस्थिति को महसूस करना। इसका अभ्यास करने से तात्पर्य है आसपास की छोटी-छोटी सकारात्मक चीजों पर ध्यान देना। जैसे चिड़ियों की आवाज सुनना, छोटे बच्चों के साथ खेलना। ऐसे काम करना जो हम बचपन में बिना किसी को हानि, दुख पहुंचाए किया करते थे। इससे हमें अपने दुनिया के साथ जुड़े होने का, Down to Earth होने का एहसास होता है। जिसकी आवश्यकता दिमांग से बाहर निकलकर, जीवित होने, ब्रह्मांड के साथ आपके connection को महसूस करने के लिए होती है।
Conclusion: The last words
अंततः यह एक यात्रा है जो अनंत तक चलती रहेगी। हम निरंतर परिवर्तनशील हैं। हमारे आसपास का जीवन अत्यंत गतिशील है। इसलिए हमें भी चिंतन की आवश्यकता होती है। हम अपनी भावनाओं को पहचानने और वर्तमान में जीने में निपुण हो सकते हैं। लेकिन फिर भी Mindfullness का अभ्यास करना चाहिए। हमको स्वीकार करना होगा कि हमारे मानसिक स्वास्थ्य की तरह अवेयरनेस की कोई मंजिल नहीं। हम अपनी इच्छाओं को मारे बिना जीवन प्रबंधन करने का आनंद ले सकते हैं।
एक समय पर माइंडफुल अवेयरनेस के साथ जीवन जीना एक कला बन जाएगा। आप प्रत्येक स्थिति-परिस्थिति में जीवनरूपी नाव को सही दिशा में नेविगेट कर सकते हैं।
He is a writer focusing on self-growth, happiness, and finding purpose. He shares practical ways that everyday people can infuse more spirituality into their lives.