पुराने समय की कहावतें एवं दोहे
कहावतें चरितार्थ होती हैं। पुराने समय की कहावतें एवं दोहे आज भी चरितार्थ हैं। क्षेत्रीय भाषा और बोली के अनुसार, अलग – अलग भाषाओं में अलग-अलग कहावतें प्रचलित हैं। जैसे कि उत्तर भारत में मुख्यतः हिंदी है। जबकि क्षेत्रीय आधार पर बोलियां अनेक हैं। जैसे – खड़ी बोली, अवधी, मिथिला आदि। कहीं-कहीं हिंदी के साथ … Read more