रश्मिरथी के दोहे ‘दिनकर’

इस अंक में खंडकाव्य रश्मिरथी के दोहे संकलित हैं। यह खंडकाव्य कविराज रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जी की रचना है। जिसका प्रकाशन 1952 में हुआ था। रश्मिरथी का अर्थ है- “सूर्यकिरण रूपी रथ पर सवार” इसमें कुल साथ सर्गो की रचना कवि ने की है। खंडकाव्य में कर्ण एवं माहाभारत के सभी पात्रों का चरित्र चित्रण … Read more

स्वामी विवेकानंद के विचार दलितों पर

इस अंक में स्वामी विवेकानंद के विचार संकलित हैं। स्वामी विवेकानंद जी की मान्यता थी। कि भारत के सर्वसाधारण मैं यदि धर्म का संचार हो जाए, तो हम छोटी-छोटी समस्याओं से सहज ही मुक्ति पा जाएंगे। राष्ट्रीय जीवन में व्याप्त दोषों को समाप्त करने के लिए उन्होंने धर्म को मान्यता दी। धर्म को वे मनुष्य … Read more

Spiritual Love quotes in hindi

इस अंक में Spiritual love quotes in hindi प्रस्तुत हैं। ये कुछ चुनिंदा पंक्तियों का एक छोटा सा संग्रह एवं प्रयास है। “मैं प्रेम हूं” उस स्वधीन सांस का जो तुम्हारी ह्रदय की गहराइयों में किसी वेगुनाह की तरह कैद है। प्रभु स्वयं प्रेम का मूर्त स्वरूप हैं। हम उनके चरणों में पड़े किसी फूल … Read more