रश्मिरथी के दोहे ‘दिनकर’
इस अंक में खंडकाव्य रश्मिरथी के दोहे संकलित हैं। यह खंडकाव्य कविराज रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जी की रचना है। जिसका प्रकाशन 1952 में हुआ था। रश्मिरथी का अर्थ है- “सूर्यकिरण रूपी रथ पर सवार” इसमें कुल साथ सर्गो की रचना कवि ने की है। खंडकाव्य में कर्ण एवं माहाभारत के सभी पात्रों का चरित्र चित्रण … Read more