जीवन अनिश्चितताओं का खेल है। आदियोगी के इस अंक में सच्ची और अच्छी बातें मोटिवेशन टिप्स प्रस्तुत हैं। जीवन में अनेक ऐसी घटनाएं घटित हो जाती हैं। जिनके बारे में हमने कभी सोचा भी नहीं होता।
यदि आपके जीवन में कठिनाइयां आ जाएं। तो घबराना बिल्कुल भी नहीं। हमें स्वयं को मोटिवेट करते रहना होगा। एक दिन सब ठीक हो जाएगा। वैसे भी परिस्थितियाँ हमें बहुत कुछ सिखाने के लिए ही तो आया करती हैं। हम खास हैं स्वयं के लिए।
सच्ची और अच्छी बातें मोटिवेशन
- जिनको कभी नजरअंदाज कर दिया होता है, अक्सर वही लोग सच्चे होते हैं।
- जीवन को थोड़ा व्यवहारिक जीना चाहिए। दूसरों से आशाएं नहीं रखना चाहिए। दूसरों की गई आशाएं भविष्य के दुखों का कारण बनती हैं।
- कौन किसके साथ कब तक है। यह परिस्थितियां और आवश्यकताएं तय करती हैं।
- हमारी कल्पनाएँ अच्छी हो सकती हैं। लेकिन वास्तविकता से मुँह भी नहीं फेर सकते।
- चर्चाओं में बने रहना भी एक उपलब्धि है। कारण फिर कुछ भी हो। बात उन्हीं की होती है..! जिनमें कोई बात होती है।
- दूसरों की कमियां गिनाने से पहले उसकी अच्छाइयों और उपलब्धियों का भी हिसाब रखना चाहिए। अपनी कमियों को छिपाने के लिए दूसरों की कमियों पर प्रकाश डालना तुम्हारी कायरता को दर्शाता है।
- किसी की अच्छाइयों और उपलब्धियों को नजरअंदाज कर उसकी कमियों का चरित्र-चित्रण करना सिद्ध करता है कि उसके पैरों की धूल भी बन पाना तुम्हारी सम्पूर्ण औकात से परे है..!
- किसी पर पूर्ण निर्भर हो जाना, एक दिन बर्बादी का कारण बनता है। चाहे वो कितना ही खास क्यों न हो।
मोटिवेशन टिप्स
“कठिन रास्ते ही अक्सर खूबसूरत मंजिल तक ले जाते हैं।”
– शा. सं.
किसी ने कितनी खूबसूरत बात कही। यदि रास्ते कठिन न हो, तो खूबसूरत मंजिल का भी कोई मोल नहीं। सरल रास्तों पर तो हर कोई जा सकता है। ऐसे तो सबको मंजिल मिल जाएगी। लेकिन ऐसा होता नहीं। कमजोर लोग कठिन रास्तों से डरते हैं।
“कभी भी अपनी गलतियों के वकील, दूसरे की गलतियों के जज न बनो।”
– शा. स.
दैनिक जीवन में प्रायः देखने को मिलता है। यदि कोई व्यक्ति स्वयं गलती करता है तो अपनी गलतियों का वकील बन जाता है। यदि कोई दूसरा गलती करे तब जज बन जाता है। यह बहुत बड़ी गलती होती है। यही मनुष्य के भविष्य को अंधकार की ओर ले जाती है। हमें अपनी गलतियों को स्वीकार कर सुधारना चाहिए।
“गलतियां होना प्रकृति है..! स्वीकार कर लेना संस्कृति, सुधार लेना प्रगति है..!!”
– शा. स.
निष्कर्ष
अच्छा मार्गदर्शन या मोटिवेशन सफलता की ओर ले जाता है ! मोटिवेशन और नशा कुछ मायनों में लगभग समान होते हैं ! जैसे नशा उतर जाता है। ठीक वैसे ही मोटिवेशन भी उतर जाता है ! परंतु हमें चाहिए कि जैसे नशा करने वाला व्यक्ति। नशा उतर जाने और पुनः नशा कर लेता है ! ठीक वैसे ही मोटिवेशन उतर जाने पर । पुनः स्वयं को मोटिवेट कर नई ऊर्जा के साथ ! लक्ष्य की ओर अग्रसर होते रहें।
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