इस अंक में विदाई भाषण शायरी सेवानिवृत्ति एवं विद्यार्थियों के फेयरवेल के लिए प्रस्तुत हैं। डिग्री के अंतिम वर्ष जब हम कॉलेज छोड़कर जाते हैं तब याद आती हैं, वो चाय की टपरियो व ठेलों पर चाय पीना , शाम को कुछ ख़ाना पीना आदि। कॉलेज की बहुत सारी यादें होती है जो एक छात्र/छात्रा के पास होती है। ऐसे ही जब एक कर्मचारी सेवानिवृत्त होता है, तब उसके सहकर्मियों को बहुत कष्ट होता है। बहुत सारी स्मृतियां होती हैं।

सब की एक निश्चित तय अवधि होती है। सभी को एक न एक दिन हम से दूर जाना ही है। उस निश्चित अवधि के बाद जब वो चले जाते हैं। यकीनन हमें उनकी बहुत याद आती है। कोई जीवन भर साथ थोड़े न रह सकता है। ये सब हमारा भृम होता है। कि हम इसके बिना या उसके बिना नहीं रह सकते। जब वो एक दिन चले जाते हैं। तब हम उनके बिना रहना भी सीख जाते हैं।
यदि हमारा कोई विद्यार्थी साथी तो भी हमें एक दिन शिक्षा पूरी होने के उपरांत छोड़कर जाएगा। यदि कोई ऑफिस में सहकर्मी तो भी उसे एक दिन सेवानिवृत्ति या स्थानांतरण के समय उसकी विदाई तय है। और यदि हमारी को बहन है, उसकी भी एक दिन विदाई होनी ही है। रही बात प्रेमिका या प्रेमी की उसका तो पक्का ही है एक दिन दूर चला जाना। लाखों में एक ही प्रेमी युगल ऐसे होते हैं। जो जीवन भर साथ रहते हैं।
विदाई भाषण शायरी
“यादों के फ्रेम में आपकी तस्वीर सजायेंगे ..
– विचार संग्रह
आप तो जा रहे हैं पर हमें बहुत याद आएंगे..!!”
– शायरी संग्रह
“जी तो चाहता है, तुम्हारी यादों को शीशे के फ़्रेम में मढ़कर लगा दूँ, अपने दिल के ड्राइंग रूम में ..ख़ुशनुमा लम्हों के
गुलदस्तों के साथ..।”
– विदाई गीत माला
“बनी धरी तस्वीर तेरी मेरी यादों के फ्रेम में..
आ कभी मिलने तू मेरे ही शहर में.!!”
– शायरी की डायरी
“बेशक भुला दो इस दिल से मेरा नामोनिशान मिटा दो, हम फिर भी तुम्हें याद आएंगे..!
इस वीरान दिल की दुआ है, उस रब से याद बेशक ना करना
हम तेरी यादों को दिल के फ्रेम में मढ़ाएंगे..।
वो कभी हमारी ज़िन्दगी का सुहाना सफर था ।
जमाने के लिए हमारा बो साथ अलग था।”
– विचार संग्रह
“ऐसे रहिए की फ्रेम के साथ साथ कुछ लोगों की यादों में भी कुछ दिन तो रहने को मिल जाय।”
– विचार संग्रह
“यही दस्तूर है ज़िन्दगी का सबकी कहानी सेम है..!
कही ‘तू’ बचे, कही ‘आप’ बचे यादों के फोटो फ्रेम है।”
– विचार संग्रह
“वक्त की हो धूप या हो तेज आंधियाँ,
कुछ कदमों के निशान कभी नहीं जाते..!
जिन्हें याद करके मुस्करा दे दिल अपना,
वो लोग कभी दूर हो कर भी दूर नहीं होते…!!”
– विचार संग्रह
“साथ गुजरे वह पल भुला न देना, जाओ कुछ बनकर दुनिया को दिखा देना।”
– विचार संग्रह
“हर फ़ूल बाग़ में लगाए नहीं जाते, हर लोग महफ़िल में बुलाए नहीं जाते..! कोई तो पास होकर भी याद नहीं आता कुछ दूर होकर भी भुलाये नहीं जाते..!!”
– विचार संग्रह
“सोच तो आपकी होगी, मगर आवाज़ देंगे हम,
ख्वाब आपने देखा, पर आग़ाज़ देंगे हम..!
विदाई पर हमारी ओर से, उपहार सिर्फ इतना है,
इरादे आपके होंगे, मगर परवाज़ देंगे हम..!”
– विचार संग्रह
“मिली जुली खुशी गम के भावनाओं के साथ शुभकामनाएं, आज विदाई के इस मौके में हो तुम्हारे जीवन की शुभ शुरुआत हो…!”
– शायरी संग्रह
“धूल थे हम सभी आसमां बन गये,
चांद का नूर ले कहकंशा बन गये..!
ऐसे गुरुओं को भला कैसे दें भुला,
जिनकी शिक्षा से हम क्या से क्या बन गये…!!”
“मिलना बिछड़ना दुनिया की रीत है,
– शायरी संग्रह
इस रीत को खुशी से निभाते रहो..!
पता नहीं कब किससे दिल मिल जाए,
जो भी मिले राहों में दोस्त बनाते रहो..!”
– शायरी संग्रह
“अनुभव कहता है कि दिल में खुशी मगर चेहरे पर ग़म की परछाई होती है..! झगड़ा करने वाला भाई भी रो देता है जब बहन की विदाई होती है..!!”
– शायरी संग्रह
“भोर गमगीन हो कर खबर लाई है.
दिल भी बेचैन है, धूप घबराई है..!
आपको हम विदाई दे दें, मगर
दिल सुबकने लगा..!.
आँख भर आई है.!!”
– शायरी संग्रह
“ये जिंदगी कोई, ज़िन्दगी नहीं बस धूप व छांव की परछाई सी है। खुशियां मिले हजार गमों की आवाजाही सी ही है। मिलती है अगर खुशियां तो दुखों की भी तैयारी सी है।”
– शायरी संग्रह
“दिल है बैचेन मन भी उदास उदास सा है। ना जाने इन्हें कैसी परेशानी है। यह जीवन तो देती है सुख और दुख की दस्तक बात यह हमने मानी ही है। गमों की धूप हो या खुशियों की सौगात जिवन के राह में मिलते मौके कई बार, बस हम पर यह निर्भर है कि कैसे करतें हम इसे पार।”
– शायरी संग्रह
“होंगे जुदा ऐसी कोई खबर आई है,
दिल भी है बेचैन, साँसे थम आई है।
देंगे हम आपको रिटायरमेंट की पार्टी लेकिन,
होने लगी है बेचैनी और आँखे भर आई है।”
– शायरी संग्रह
“आपके साथ वक़्त कब बीता पता ही नहीं चला, आपने हमारा दिल कब जीता पता ही नहीं चला।”
– शायरी संग्रह
“बात तो तय है चाहे कहे न कहे, आपकी यादें यहाँ हमेशा रहेगी आप यहाँ रहे ना रहे।”
– शायरी संग्रह
“आप का साथ धूप में छांव है।
और आप का साथ समंदर में नाव है।
आप का साथ अंधकार में प्रकाश है।
कर रहे है आज आप को विदा,
पर दिल में आपका ही नाम है।”
– शायरी संग्रह
“हमें छोड़कर जहाँ भी जायेंगे, यकीन है खुशियाँ ही खुशियाँ पायेंगे.
जी भरकर दिल की बात न हो पाई, एक मस्त अनोखी मुलाकात न हो पाई..!!”
“जाते जाते सुन लो, आप तो जा रहे हो,
– शायरी संग्रह
पर ऑफिस में उदासी छाएगी, आप की याद बहुत आएगी…!!
आप जहाँ भी रहे मुस्कुराते रहो।”
– विदाई गीत माला
“जो भी पल गुज़ारे आपके साथ, वो सब बीते शानदार..!
आपकी हर एक याद को, ताजा संजोकर रखेंगे हम..!
याद जब भी आएगी आपकी, तो आँखें हो जाएँगी नम..!!”
– विदाई गीत माला
“विदा होकर आज यहाँ से चले जाओगे पर आशा है..! यही की जहाँ भी जाओगे खुशीयाँ ही पाओगे।।”
– विदाई गीत माला
“बेफिक्र थे हम
सर पर जो आपका हाथ था ।
बे हिसाब थे हम कि
आपके हाथों में हिसाब था ।।
विदा तो कर देंगे हम आज आपको ।
लेकिन ये बहते हुए आंसू ना रोक पाएंगे।।”
– विदाई गीत माला
“यादों की झड़ी सी है आंखों में छाई,
हो रही है आज आपकी विदाई..!
हम करते है ईश्वर से प्रार्थना,
पूरी हो जीवन की हर कामना..!!”
– विदाई गीत माला
“सुबह, नम धूप, दोपहर और
फिर तारों की रौशनाई होगी..!
आपके घर पर सब इन्तजार मैं है..
सुना है आज आपकी विदाई होगी..!!”
– विदाई गीत माला
“मानो आप ही थे मेरा परिवार,
और आप ही थे मेरे यार..।
नहीं कोई था सीनियर आप-सा,
संभाला था आपने मुझे हर बार।”
– विदाई गीत माला
“आप जैसा बड़प्पन, नहीं है कही..!
आप जैसा सरल मन, नहीं है कही..!!
आपको हम विदा,आज कर दे मगर..!
सीनियर ऐसा सज्जन,नहीं है..!!”
– विदाई गीत माला
“कॉलेज एक परिवार होता है,
जहाँ हर दिन रविवार होता है..!
हर दिल में प्यार होता है,
पर आखिरी दिन बड़ा बेकार होता है..!!”

“एक मुस्कुराता सा, चेहरा था, ऑफिस में। आज से वो जुदा,हम से हो जायेगा । नाम जैसा काम किया आपने, आपको कोई कैसे भुला पायेगा।”
– शायरी की डायरी
“यूँ तो जाने से कहाँ काम रुकता है। पर दिलो में वही नाम खटकता है।
– शायरी की डायरी
जिससे सुख-दुख कहे हमने अपने भला,
उससे जीवन को जीनें की सीखी कला।”
“गजब अंदाज में जो कही शायरी, कोई भी और दूजा न कह पायेगा।
– शायरी की डायरी
नाम के जैसा काम किया आपने, आपको कोई कैसे भुला पायेगा।”
– शायरी की डायरी
“बरसात आए तो जमीन गीली न हो ,
धूप निकले तो सरसों पीली न हो..!
ऐ दोस्त तुने ये कैसे सोंच लिया कि ,
तेरी याद आए और पलकें गीली न हो..!!”
– शायरी की डायरी
“पथ में कांटे न होते तो
जीवन का आभास न होता
मंजिल मंजिल रह जाती
मानव का इतिहास न होता..!”
“जगत में कुछ ऐसे पूत, जिन्दा में दे शूल..!
– शायरी की डायरी
अंतिम विदाई में वह, बरसाए है फूल…!!”
निष्कर्ष –
इस लेख में विदाई भाषण शायरी संकलित थी। यह एक छोटा सा संग्रह भी था। एवं एक छोटा सा प्रयास भी। सबको एक दिन बिछुड़ना ही है तो ज्यादा भावुक होने की आवश्यकता भी क्या है? सब पूर्व से तय है।
प्रिय पाठक..! आप हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। एवं आपके सुझाव भी हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। आप अपने सुझाव हमें कमेंट के माध्यम से भेज सकते हैं।
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