इस पेज पर बुरा वक्त शायरी, स्टेटस एवं प्रसंग आदि संकलित हैं। याद रखें जितने भी बड़े नाम हुए हैं। चाहे वो इंसान रहे हों या भगवान, सबके जीवन में बुरा वक्त आया है। यदि आपको लगता है कि किसी का नाम बड़ा हुआ हो और उसके जीवन में बुरा वक्त नहीं आया हो तो कमेंट में अवश्य बताएं। प्रकृति का नियम है, उगता वही है जो मिट्टी में मिलता है। बिना मिट्टी में मिले उगना भी संभव नहीं है।
बुरे समय में संघर्ष, सत्य और अपने ईश्वर को थाम लो पार हो जाओगे। यही परम् सत्य है। सही मायने में तो बुरा वक्त होता ही नहीं क्योंकि यह तो एक तरह का प्रशिक्षात्मक समय होता है। यानि कि ट्रेनिंग पीरियड। जिसमें हमें अपने-पराये, अच्छे -बुरे, ऊंच-नीच एवं अच्छे और बुरे कर्मों का ज्ञान होता है।
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बुरा वक्त शायरी
“हमेशा बुरा वक्त, बेहतर इंसान बनाता है !”
– शायरी की डायरी
“है वक़्त बुरा तो गुज़र जाएगा, बस उसके साथ गुज़रना नहीं चाहिए..!!”
– विचार संग्रह
– शायरी संग्रह
“मैं एक वक्त के बाद सबको बुरा लगने लगे जाता हूँ। जितने उत्साह एवमं जल्दीबाजी में लोग मुझसे रिश्ते बनाते हैं। उतने ही जल्दी मुझसे दूरियाँ बना लेते हैं। जिसमे शायद मेरी ही गलती होगी। मैं ही इस लायक नहीं होऊंगा की उनके मुताबिक़ चल सकूँ। मैं बहुत ढीठ हूँ.।”
“आज अगर उदासी का आलम हो, तो क्या हुआ।
– विचार संग्रह
कभी कभी सबके साथ ऐसा होता है।
आपका बुरा वक़्त भी चला जाएगा।
जैसे सबका आता है, आपका भी अच्छा टाइम आएगा।”
“हम पापी तो नहीं हैं, फिर क्यों जुल्म ढहा रहे हो भोलेनाथ ?
– शायरी की डायरी
वक्त बुरा कर रहे हो या आजमां रहे हो भोलेनाथ?”
– शायरी की डायरी
“अंदाज कुछ अलग है.. मेरे सोचने का
सबको मंजिल का शौक है..और मुझे सही रास्तों का।
लोग कहते हैं, पैसा रखो, बुरे वक्त में, काम आएगा,
हम कहते हैं। अच्छे लोगों के साथ रहो, बुरा वक्त ही नहीं आएगा।”
– शायरी की डायरी
“जिसने कभी बुरा वक्त दैखा हो,
वो किसी के साथ बुरा नहीं कर सकता।”
– शायरी की डायरी
“बुरा वक़्त हमेशा इंसान को ,
अकेला कर देता है …!”
“बुरा वक्त एक ऐसी तिजोरी है, जहां से सफलता के हथियार मिलते है।”
– शायरी की डायरी
– विचार संग्रह
“आज अगर उदासी का आलम हो, तो क्या हुआ.
कभी कभी सबके साथ ऐसा होता है।
आपका बुरा वक़्त भी चला जाएगा।
जैसे सबका आता है, आपका भी अच्छा टाइम आएगा।”
“ना-ना वक़्त को कैसे बुरा कह दे। यही तो अच्छे अच्छॊ की असलियत दिखाता हैं….!”
– विचार संग्रह
– विचार संग्रहI
“बुरा वक्त तो सबका आता हैं,
कोई बिखर जाता है कोई निखर जाता है..!”
“बुरा वक्त बता कर नहीं आता,
– विचार संग्रह
पर सिखा कर बहुत कुछ जाता है…!”
– विचार संग्रह
“जब वक़्त बुरा चल रहा हो
तो लोग हाथ नहीं, गलतियां पकड़ते हैं।”
– विचार संग्रह
“बुरे वक़्त में हारना मत दोस्त क्योंकि बुरे वक़्त का भी बुरा वक़्त आता है।”
– विचार संग्रह
“जब वक्त बुरा हो और तूफान बड़ा हो..
तो शांति से इंतजार करना चाहिये…
तूफान के गुजर जाने को..।
कभी-कभी हमारी परीक्षा होती है…
हमें कमजोर बनाने नही…
मजबूत बनाने और की गई गलतियों से
सीख लेने…!”
– विचार संग्रह
“अच्छा वक्त आने में देर ही सही पर आता जरूर है।
बुरा वक्त आने में बिल्कुल भी देर नहीं लगती।”
– विचार संग्रह
“बुरा हो वक्त तो सब आजमाने लगते हैं,
बड़ो को छोटे भी आँखे दिखाने लगते हैं।
नये अमीरों के घर भूल कर भी मत जाना
हर चीज की कीमत बताने लगते हैं।”
– विचार संग्रह
“कोई हमारा बुरा करना चाहता है। तो यह उसके कर्मों में लिखा जाएगा। हम क्यों किसी के बारे में बुरा सोच कर अपना
वक्त और कर्म खराब करें…!”
– शायरी की डायरी
“अगर वक़्त बुरा है, तो मेहनत करो,
और अगर अच्छा है तो किसी की मदद करो .!”
– शायरी की डायरी
“ज़माना कुछ ऐसा है कि जो लोग बुरे है, उनका वक़्त अच्छा है और जो लोग अच्छे है उनका वक़्त बुरा है। बुरा व्यक्ति उस वक्त और भी बुरा लगता है..! जब वो अच्छा होने का ढोंग करता है…!”
– शायरी की डायरी
“जिन्दगी में अगर बुरा वक्त नहीं आता तो, अपनों में छुपे हुए गैर….!
गैरों में छुपे हुऐ अपने कभी किसी को भी नजर नहीं आते..!!”
– शायरी की डायरी
“गलती करने के लिए कोई भी वक्त सही नही है।
गलती सुधारने के लिए कोई भी वक्त बुरा नही है।।”
– शायरी की डायरी
“जीवन में जो सबक
खाली पेट, खाली जेब और बुरा वक़्त
सिखाता है,
वो कोई स्कूल या यूनिवर्सिटी नही सिखाती।”
– शायरी की डायरी
“इंसान अपना घमंड अपने अच्छे वक़्त में दिखाता है..!
लेकिन उसका परिणाम उसे उसका बुरा वक्त बताता है.!!”
“बुरा वक्त है बदल जाएगा,
– शायरी की डायरी
लेकिन बदले हुए लोग याद रहेंगे..!!”
– शायरी की डायरी
“कल बुरा था आज अच्छा आएगा, वक्त ही तो है रुक थोड़े ही जाएगा..!”
– विचार संग्रह
“टेंसन ना लिया करो सबके हिस्से में आता है..! ये बुरा वक्त कोई इसे जी चुका है..! और कोई जी रहा है..! यहां सब अकेले है..! किसी का अकेलापन चेहरे पे दिख जाता है कोई अपना अकेलापन अपनी खोखली हँसी में उड़ा देता है..! कोई तन्हा रातो में आँसुओ से अपना अकेलापन धोता है।”
– विचार संग्रह
“तो कोई किसी अपने के कंधे पर सर रखकर, यह दुनिया पूरी तरह खोखली है। हम उम्मीदों की टोकरी अपने सर पर लिए घूमते हैं। उम्मीद हर रोज किसी तारे की तरह टूट कर बिखर जाती है। किसी सूनेपन में एक दिन यह टोकरी खाली हो जाएगी। और उम्मीद बह जाएगी आँसुओ के संग फिर न उम्मीद बचेगी।”
– विचार संग्रह
“बुरा वक्त सबसे बड़ा जादूगार है, एक ही पल में, सारे चाहने वालों के चेहरे से, पर्दा हटा देता है। वक्त की फरमाइशें पूरी नहीं हो पातीं, मजबूरियों की सुनता हूं…! तो ख्वाहिशें बुरा मान जाती हैं..!”
– विचार संग्रह
“न नदी कोई मीठी बड़ी है।
न…!ही खारा समंदर बड़ा है।”
“हार जाये अगर शहज़ादा,
– विचार संग्रह
जीत जाए कलंदर बड़ा है।”
“वक़्त अच्छा है या है बुरा, ये
– विचार संग्रह
वक़्त ही वक़्त पर तय करेगा।”
“ढूँढ ले जो ख़ुशी इस जहाँ में,
– विचार संग्रह
बस उसी का मुक़द्दर बड़ा है।”
– विचार संग्रह
“जब जिंदगी में बहुत कुछ अच्छा चल रहा हो, तो हम इंसान अच्छे और बुरे का फर्क भूल जाते हैं। भगवान शायद इसलिए हर अच्छे वक़्त के बाद एक बुरा वक्त दिखाता है। ताकि हम इस फर्क को हमेशा याद रखें।”
– शायरी की डायरी
“सच तो ये है कि बुरा वक्त भी अच्छा होता है। वो हमारी नज़र पर पड़े अपनों के जाले हटा देता है। बुरे वक्त की खासियत है, वो अपने साथ गंदगी बहाकर ले जाता है। मतलबी रिश्ते, मतलबी लोग सब उसके जाने के साथ चले जाते हैं।”
– शायरी की डायरी
“दुःख दर्द पीड़ा अधिक है, मेरे सांवरे एंड “वक़्त बुरा है..! पर मेरे सर पर हाथ तेरा है, इसिलिये मुझे यकीन है..! यह बुरा वक़्त भी गुजर जायेगा, यह विश्वास मेरा है।”
“कपट के शोर में
– शायरी की डायरी
सही होते हुए भी दब जाना – बुरा तो है।
किसी जुगनू की लौ में पढ़ना – बुरा तो है।
मुट्ठियां भींचकर बस वक़्त निकाल लेना – बुरा तो है..!!
सबसे ख़तरनाक नहीं होता
सबसे ख़तरनाक होता है
मुर्दा शांति से भर जाना
न होना तड़प ना सब कुछ सहन कर जाना…!!”
“दिल से निकाली ही नही शाम जुदाई वाली,
– शायरी की डायरी
तुम तो कहते थे बुरा वक्त गुजर जाता है।”
– शायरी की डायरी
“जब बुरा वक्त आता है तो,
इंसान जान बूझ कर
अपनी गर्दन कटवाने खुद ही
आगे कर देता है।”
– शायरी की डायरी
“वक़्त सबके लिए समान होता है..!
किसी को कम किसी को ज़्यादा लगता है।”
“वक़्त सबके पास होता है,
– शायरी की डायरी
पर सभी के लिये नहीं होता है..!
आप अपना वक़्त कैसे बिताते हो इससे आपके भविष्य का निर्माण होता है।”
“वक़्त तो सबके पास एक जैसा होता है
– शायरी की डायरी
किसी को अच्छा किसी को बुरा लगता है।”
“अच्छा वक्त उसी का होता है..।
– शायरी की डायरी
जो किसी का बुरा नहीं सोचते।”
– शायरी की डायरी
“ख्वाहिश इतनी थी वस कि
कुछ ऐसा मेरा नसीब हो…
वक्त अच्छा हो या बुरा
बस तू मेरे करीब हो..।”
“बुरा वक्त उतना बुरा भी नहीं होता है, वो अपने साथ रिश्तों का सच लेकर आता है।”
– शायरी की डायरी
– विचार संग्रह
“बुरा वक्त का सबसे अच्छा साथी ‘मौन’ होता है। बिना कोई जवाब दिए पीछे हटकर खूब मेहनत करो ताकि एक ठोस जवाब के साथ सामने आओ। अकेले में कठोर तपस्या करने और मजबूत होने का एक अलग ही मजा है। भूल जाओ कुछ बुरे लम्हों को और लोगो को क्योंकि तुम्हारा भी जवाब देने का वक्त आ गया है।”
– विचार संग्रह
“देह तो सिर्फ साँस का घर है,
साँस क्या? बोलती हवा भर है।
तुम मुझे अच्छा-बुरा कुछ न कहो,
आदमी वक्त का हस्ताक्षर है।”
“ना Ex के पीछे भागो,
– विचार संग्रह
ना Next के पीछे भागो,
बल्कि खुद से लड़ो और
खुद के Best के पीछे भागो।”
“नफ़रते एक दिन हार ही जाऐगी ।
– विचार संग्रह
ईश्वर की कृपा से मायूस होना नहीं ।
एक बुरा दौर आया है ये भी टल जाऐगा ।
वक़्त का क्या है एक दिन बदल जाऐगा।”
“छाया ही संसार का रहस्य है।
– विचार संग्रह
कभी खुशी कभी गम।
सब कुछ माया के अधीन है।
बुरा वक्त क्यों आया और
कितने समय के लिए आया।
ये सबसे महत्वपूर्ण बात है
और अच्छे समय के लिए
आप ने क्या किया।
कर्म करो फल की इच्छा
मत करो।”
हमने बुरा वक्त देखा है जनाब इस लिए हम किसी का बुरा नहीं सोचते..!
– विचार संग्रह
“ये वक़्त भी एकदिन बदल जायेगा। धीरे धीरे सब कुछ संभल जाएगा, आएगी एक रात सुकून भरी। एक दिन तेरी यादों का सूरज ढल जाएगा। मुझे बुरे वक्त में छोड़कर जाने वाले, मेरा बुरा वक्त भी एक दिन निकल जायेगा। याद रहेगी सिर्फ बेवफाई तेरी, बाकी सब नफरतों की आग में जल जाएगा।”
“तुम झूठ के पीतल के ऊपर सोने का रंग चढ़ाते हो।
– विचार संग्रह
सच का जो साथ निभाता हो, ऐसी भी कोई बात कहो।
कहीं दिल पत्थर ना हो जाये हम हार चुके हैं। रो-रोकर
मन में जो खुशी जगाती हो। ऐसी भी कोई बात कहो
सब वक्त बुरा था। कहते हो और दौलत सब पुश्तैनी है।
कल की खातिर उम्मीद रहे ऐसी भी कोई बात कहो।”
ज्योतिष के अनुसार बुरा वक्त-
बुरा वक्त हमें कैसे नुकसान पहुंचाता है? पूरे वक्त में होता क्या है कि हमारे ग्रहों की दशा कमजोर होती है। और गलत ग्रह मजबूत स्थिति में होते हैं। इन पाप ग्रहों की वजह से हम दिशा भ्रम में फंस जाते हैं। और गलत दिशा में चले जाते हैं l
जब भी यह ग्रह ऐसी स्थिति में आएंगे यह हमसे गलत निर्णय करवा देंगे l इस तरह की स्थिति से बचने के लिए हमेशा बुरे समय में अपने ग्रहों की स्थिति को समझ कर रखिए और वह किस तरह का परिणाम दे सकते हैं। इसे भी समझ कर रखिए l ऐसा करने से आप मानसिक रूप से तैयार होंगे की कोई बड़ा निर्णय गलत ना हो जाए। यह बहुत ही आसान है। इस तरह से ज्योतिष शास्त्र की मदद से आप अपने जीवन को सफल बना सकते हैं या फिर गलतियां करने से काफी हद तक बच सकते हैं l
जब भी आपको कोई बुरे वक्त में दिखे तब आप इन सब परिस्थितियों को समझते हुए उसे व्यक्ति को हमेशा थोड़ा सा ज्यादा दूरी बनाए रखें । ऐसा करने से आप व्यक्तिगत संबंधों को खोने से बच जाएंगे और व्यवहारिक गलतियां नहीं करेंगे l कितना आसान है ज्ञान के माध्यम से जीवन को कुछ आसान बना लेना l कोशिश करके देखना यह बिल्कुल मुश्किल नहीं है
प्रसंग, बुरे समय का साथी
एक भक्त था वह बाँके बिहारी जी को बहुत मनाता था। बड़े प्रेम और भाव से उनकी सेवा किया करता था। एक दिन भगवान से कहने लगा –
मैं आपकी इतनी भक्ति करता हूँ पर आज तक मुझे आपकी अनुभूति नहीं हुई। मैं चाहता हूँ कि आप भले ही मुझे दर्शन ना दें पर ऐसा कुछ कीजिये कि मुझे ये अनुभव हो की आप हो। भगवान ने कहा ठीक है। तुम रोज सुबह समुद्र के किनारे सैर पर जाते हो। जब तुम रेत पर चलोगे तो तुमको दो पैरो की जगह चार पैर दिखाई देंगे। दो तुम्हारे पैर होंगे और दो पैरो के निशान मेरे होगे।
इस तरह तुम्हे मेरी अनुभूति होगी। अगले दिन वह सैर पर गया। जब वह रे़त पर चलने लगा तो उसे अपने पैरों के साथ-साथ दो पैर और भी दिखाई दिये। वह बड़ा खुश हुआ।
अब रोज ऐसा होने लगा। एक बार उसे व्यापार में घाटा हुआ सब कुछ चला गया, वह रोड पर आ गया उसके अपनो ने उसका साथ छोड दिया। यही इस दुनिया की समस्या है, मुसीबत मे सब साथ छोड देते है।
अब वह सैर पर गया तो उसे चार पैरों की जगह दो पैर दिखाई दिये। उसे बड़ा आश्चर्य हुआ कि बुरे वक्त में भगवान ने साथ छोड दिया। धीरे-धीरे सब कुछ ठीक होने लगा फिर सब लोग उसके पास वापस आने लगे। एक दिन जब वह सैर पर गया तो उसने देखा कि चार पैर वापस दिखाई देने लगे। उससे अब रहा नही गया, वह बोला- भगवान जब मेरा बुरा वक्त था तब सब ने मेरा साथ छोड़ दिया था। मुझे इस बात का गम नहीं था। क्योंकि इस दुनिया में ऐसा ही होता है। पर आप ने भी उस समय मेरा साथ छोड़ दिया था। ऐसा क्यों किया?
भगवान ने कहा –
"तुमने ये कैसे सोच लिया कि मैं तुम्हारा साथ छोड़ दूँगा। तुम्हारे बुरे वक्त में जो रेत पर तुमने दो पैर के निशान देखे वे तुम्हारे पैरों के नहीं मेरे पैरों के थे। उस समय में तुम्हें अपनी गोद में उठाकर चलता था। आज जब तुम्हारा बुरा वक्त खत्म हो गया तो मैंने तुम्हे नीचे उतार दिया है। इसलिए तुमको फिर से चार पैर दिखाई दे रहे है।"
निष्कर्ष-
यह अंक बुरे वक्त की शायरी, विचार आदि का एक छोटा सा संग्रह है। हमें बुरे वक्त से डरना नहीं चाहिए। बल्कि बुरे वक्त से सीख कर एक सफल और बेहतर इंसान बनने का प्रयास करना चाहिए। अच्छे वक्त के पास सिखाने के लिए कुछ नहीं होता।
जबकि बुरे वक्त के पास सिखाने के लिए बहुत कुछ अच्छा होता है! जिनका नाम बड़ा हुआ। चाहे स्वयं ईश्वर ही क्यों न हों! सबके जीवन में बुरे वक्त का एक अध्याय अवश्य रहा है! जब आपका बुरा वक्त गुजर जाएगा! यकीनन बुरा वक्त हमेशा ठहरा नहीं रहता। यह बाढ़ के उस पानी की तरह होता है! जो आपके जीवन से गंदगी अपने साथ वहा कर ले जाता है।
प्रिय पाठक..! आप हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। ठीक वैसे ही आपके सुझाव भी हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं! इस लेख के बारे में अपने सुझाव अवश्य प्रस्तुत करें! आप अपने सुझाव ‘कमेंट’ के माध्यम से प्रस्तुत कर सकते हैं।
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