किसी की याद में दर्द भरी शायरी 2024

आदियोगी के इस अंक में किसी की याद में दर्द भरी शायरी संकलित हैं। ये 2024 चुनिंदा संकलन है। जिसमें ऐसी शायरियों का समावेश है। जिनको संभवतः आपने कभी भी पढ़ा नहीं होगा।

“मैं दर्द हूं” उन धड़कनों का जो कैद है। तुम्हारी साँसों में एक वेगुनाह मुजरिम की तरह।

मेरे ख्याल से कौन किसके साथ कब तक रहेगा? सब परिस्थितियों पर निर्भर है। लोग सात जन्मों तक साथ जीने मरने की कसमें खाते हैं। बड़े – बड़े वादे करते हैं। सब वादे नेताओं के वादों की तरह होते हैं। आवश्यताएँ बदलती हैं। लोगों की परिस्थितियां बदलती हैं। जिस समय परिस्थितियां बदल जाती हैं। और आवश्यताएँ खत्म हो जाती हैं। लोगों को पल भर लगता है। सब वादे, कसमें, प्यार, वफ़ा को पीछे छोड़ने में।

किसी की याद में दर्द भरी शायरी
Shayari in memory of someone

किसी की याद में दर्द भरी शायरी

“हम अस्थियां बन तेरे हाथों में फिर भी मिलेंगे। सूर्य की पहली किरण के साथ तुम कर देना प्रवाहित उन अस्थियों को दो फूल,कुछ चावल..! मैं लौटकर आऊंगा गंगा की लहरों में तुम्हारे पैरो के अंतिम चिन्ह चूमने। उन्हें समेट अपने हृदय के कलश में,मैं बह जाऊंगा आनन्द से अभिभूत उस नयी दुनिया मे…!”

– यादों का कारवां

“आज टूटकर उसकी याद आई तो ये अहसास हुआ,
रुह में बसने वाले कभी भुलाए नहीं जाते ..।”

– विचार संग्रह


“अब बात कहां होती है उसकी ,
अकेले में ही याद होती है उसकी..।”

– शायरी की डायरी

“वक्त-वक्त की बात होती है ,
हर पहर उसकी याद होती है..। साथ होता है उसका मेरे साथ ,
और जिंदगी गुलजार होती है..।”

– शायरी संग्रह


“बिछड़कर भी उसके साथ हैं, बड़े जिद्दी से मेरे जज़्बात हैं।
भूल भूल कर भी उसकी याद है, कुछ यूं उसमें गुम
मेरे ख्यालात है…ना समझे वो तो
ये अलग बात है..!”

– यादों की डायरी


“उसकी खुशबू से मोअतबर है मेरी तनहाई
याद उसकी मुझे तन्हा नहीं होने देती..।”

– प्रेम पत्र


“उसे फुरसत नहीं मिलती ज़रा सा याद करने की,
उसे कह दो हम उसकी याद में फुरसत से बैठे हैं..।”

– शायरी की डायरी


“रुख़सत ना मांग , वरना तुझे रोक लूँगा मैं …
मुझको यूं छोड़ जा कि मुझे भी खबर न हो..।”

– शायरी की डायरी

“खुद को समेट के, खुद में सिमट जाते हैं हम..। एक याद उसकी आती हैं….. फिर से बिखर जाते है ।”

– शायरी की डायरी


“तुम्हें देखूँगा मुलाकात नहीं करूँगा,
लोग तुझे गलत समझे ऐसे हालात नहीं करूँगा..।
तुम डरना मत, मुझपे भरोसा रखना,
मैं तेरे बारे में किसी से बात नहीं करूँगा..।”

– शायरी की डायरी


“गुज़री हुई ज़िंदगी को कभी याद ना कर,
तक़दीर में जो लिखा है उसकी फरियाद ना कर। जो होना है वो होकर ही रहेगा,
तू कल की फ़िक्र में अपनी आज की ख़ुशी बर्बाद ना कर..।”

– शायरी की डायरी


“बिन खुली बोतल, शराब सी नशा चढ़ आई है,
फिर इस दिल पर, वही पुरानी आफत आई है..।
इश्क़ की ड़रोर में बँध, कटी पतंग सी उड़ आई है..!
भूलने की चाह में याद, साथ ही उसकी आई है..।
तन्हाई में शोर, आँखों में खामोशी लाई है,
फिर आज याद उसकी, कलम को आई है…।”

– शायरी की डायरी


“आज मेरे शहर में बरसात आई है..।
और आज फिर मुझे उसकी याद आई है…।”

– शायरी की डायरी


“आज फिर किसी ने मेरे जख्मों को कुरेदा है,
आज फिर उसकी बहुत याद मुझे आयी है।
बेवफा भी नहीं कह सकते हैं ऐ दोस्तों उसे,
बस उसने मोहब्बत शिद्दत से नहीं निभाई थी।”

– शायरी की डायरी


“जज्बातों से यूँ खिलवाड़ न कर,
हैं गर मोहब्बत तो इंकार न कर।
इश्क़ वो एक लाइलाज़ रोग है,
इसलिए कहती हूँ प्यार न कर।”

– शायरी की डायरी

“गुम हैं वो किसी और की मोहब्बत में,
लौट आने का इंतज़ार न कर।
संभाल जरा ख़ुद को और दिल को,
उसकी याद में जीवन बेकार न कर..।”

– शायरी की डायरी


“हृदय में बसी एक याद हैं उसकी,
इसे प्रेम कहूँ या बरबादी ख़ुद की।”

– शायरी की डायरी


“जो चार दिन भी मेरे साथ चल नहीं पाया।
मैं उसकी याद से अब तक निकल नहीं पाया।”

– शायरी की डायरी

“वह मेरे साथ बस एक बार लड़खड़ाया था।
फिर उसके बाद में कभी संभल नहीं पाया।”

– शायरी की डायरी

“तुम्हारे बाद भी मेरी ग़ज़ल वहीं पर है।
तुम्हारे बाद भी तुमसे निकल नहीं पाया।”

– शायरी की डायरी

“तसल्ली यह भी रही खुदा , जिंदगी से…
कि कोशिशें नाकाम नहीं हुई ,
उसकी आबादी को देखकर …
बर्बादी खुद की ही याद ना रही!”

– शायरी की डायरी


“इक बार उसकी आँख में देखी थी बेरुखी,
फिर उसके बाद याद वो आई नहीं कभी।”

– शायरी की डायरी


“मैंने सदियां बितायी थी उसकी याद मे. .
दिन को दोपहर, दोपहर को शाम, शाम को रात और रात को दिन होने में युग लग जाते है… ये मैंने जाना नहीं, जीया है।”

– शायरी की डायरी


“घड़ी के कांटे घूमते रहे, कैलेंडर के पन्ने पलटते रहे, पर वक़्त मानो थम सा गया था..।”

– शायरी की डायरी
किसी की याद में दर्द भरी शायरी
दर्द भरी शायरी

“तारीखें बदली नहीं, दिन ढले नहीं, ना मेरी राते कटी, ना अरुणोदय हुआ….सब बिखरा हुआ था। तुम्हारा प्रेम, तुम्हारी यादें, तुम्हारी कसमें, तुम्हारे शिकवे ….. सब बिखरा हुआ था..।”

– प्रेम पत्र


“थोड़ी देर से सही पर मुझे ज्ञात हुआ, प्रेम को कभी माँगा नहीं जाता, उसको बुलाया नहीं जाता ,उसको ना रोका जाता है…
जिसपे अधिकार ना हो, उसे ही माँगना पड़ता है..
जो तुम्हारा होता है, वो हर परिस्तिथि में तुम्हारा होता है।”

– प्रेम पत्र


“जो तुम्हारी पीड़ाओ के आक्रोश को समझ् नहीं पाता, उसके लिए अपने जीवन से मौन रहना कभी उचित नहीं। तो फिर यूँ हुआ, मैंने उसको जाने दिया।।”

– प्रेम पत्र

“दर्द का आंकलन नहीं होता..!
इसमें कोई चयन नहीं होता ।
प्यार में डूबना ही पड़ता है..!
प्यार में आचमन नहीं होता।”

– प्रेम पत्र


“प्रेम का मौसम सर्द होता है।
थोड़ा थोड़ा इसमें दर्द होता है।
प्यार को बांध दे जो रिश्ते में,
वो ही तो सच्चा मर्द होता है।”

– प्रेम पत्र


“क्या फायदा रोने से,
जो प्यार नहीं समझ सकते।
वो दर्द क्या समझेंगे….!”

– प्रेम पत्र


“पता नही था प्यार में दिल को इतना दर्द भी होता है ..उनको याद कर के ये दिल बच्चा बन कर रोता है। दर्द भरी रातों में बस उम्मीदें हैं, जो जगाए रखती हैं हमें। खुद को ढांढस बनाकर हम, अपने आप से प्यार करते हैं।”

– प्रेम पत्र


“नफरतों के शोर में मुहब्बत कौन करे,
मुहब्बत मुहब्बत को तरसी बेहिसाब टुटकर..।
जज्बातों से खेल वो भी खुब मुस्कुराए
हम अंजान से दोराहे पर खड़े हैं, ..आपको हमसे युंही मुस्कुराते तकदीर ने मिलाए।”

– प्रेम पत्र

“बेजुबां सी इश्क को जुबां मिल गई दिल को धड़कनों से बात करनी आ गईं।”

– प्रेम पत्र


“अब कभी कभी मैं ख़ुद में गुम हो जाता हूं..
कुछ बीते कल की तो, कुछ आने वाले कल की
सोचकर खो जाता हूँ..।”

– प्रेम पत्र

“ख़ुद को बहुत संभलता हूं,
फिर भी बिखर जाता हूं..!
कोई देखे न आंसू..
इसलिए मुंह धोकर आता हूं…।”

– प्रेम पत्र


“कुछ लोगो से जब तक मुलाकात नहीं थी,
मैं भी ये समझता था कि खुदा सबसे बड़ा है ..।”

– प्रेम पत्र

“थोड़ा बदल गया हूं मै..
नहीं कोई तकलीफ नहीं है बस अब..
जिंदगी सही नही लग रही..
लोगों से कम बात करता हूं..
Phone नहीं उठाता हूं..
मैं लोगो को rude लगने लगा हूं..
पता नहीं ये दौर कब बीतेगा लेकिन…
जिंदगी के एक बुरे दौर से..
मुस्कुराते हुए गुजर रहा हूं मैं…।”

– प्रेम पत्र


“आंसुओं में भी वज़न होता है जनाब,
वरना ये मन हल्का ना होता इनके छलकने के बाद।”

– यादों की बारात


“बदलने को तो इन आँखों के मंज़र कम नहीं, बदले तुम्हारी याद के मौसम हमारे ग़म नहीं, बदले तुम अगले जन्म में हम से मिलोगी तब तो मानोगी,
ज़माने और सदी की इस बदल में हम नहीं बदले…।”

यादों की बारात


“माना मेरे नही हो तुम फिर भी तुम्हें चाहने में क्या हर्ज है..!
खुद ही दर्द देकर पूछते हो कि जानां तुम्हें क्या दर्द है ..।”

– यादों की बारात

“ज़रूरी नहीं कि हम दोनों के फेरे हो,
छोटी सी चाहत है हर जन्म में हम सिर्फ तेरे हो..।”

– यादों की बारात

“चाहत की राह में बिखरे अरमान बहुत हैं,
हम उसकी याद में परेशां बहुत हैं…!”

– यादों की बारात


“उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो,
न जाने किस गली में जिंदगी की शाम हो जाए।”

– यादों की बारात

“अधूरी क्यों रह गयी तुम्हारी यह बेरुखी,
अभी दिल के हर टुकड़े में तेरा नाम बाकी है…।”

– यादों की बारात


“ख़ामोश हो गए हम उसकी ख़ामोशी देखकर..! इंतज़ार करते हैं हम उसका वादा याद कर..।”

– यादों की बारात

“गुज़री हुई ज़िंदगी को कभी याद ना कर,
तक़दीर में जो लिखा है उसकी फरियाद ना कर..!”

– यादों की बारात

“जो होना है वो होकर ही रहेगा,
तू कल की फ़िक्र में अपनी आज की ख़ुशी बर्बाद ना कर..।”

– यादों की बारात


“कोई अपना तो मरकर हमेशा के लिए चला जाता है,
पर हम उसकी याद में हर दिन मरते हैं।”

– यादों की बारात


“मैं अपनी हर शायरी में करता हूँ, बात उसकी
मुझे पंसद उससे यूँ तन्हा मुलाक़ातें..।”

– यादों की बारात

“कुछ तो था ऐसा उस चेहरे में,
जो अब तक याद है मुझे वो आंखें..।”

– यादों की बारात


“उसकी मासूम सी मुस्कुराहट कहानियां कहती निगाहें
उसके खुले बाल, उसकी खुली बाहे
बुलाती है, याद आती है।
उसकी वो हर छोटी छोटी बातें
फिर दिल बहलाती है..।”

– शायरी संग्रह

“बार-बार क्यों आती-जाती हो, उसकी याद हो..।
वो आंखे भिगा देती है तुम कपडे,
अब समझा तुम बरसात हो।”

– शायरी संग्रह


“दिन रात में याद उसकी है ,हर बात में याद उसकी है…। कोई कहता है भूल जा ये सब कैसे कहें हर सांस में याद उसकी है..।”

– शायरी संग्रह


“उसके बदल जाने की, क्या मिसाल दूँ…
बेहतर है, चुप रहकर सारी बातें टाल दूँ!
क्यों दर्द सहना जिंदगी भर, याद में उसकी..
मैं ज़हन से अपने, उसकी यादें निकाल दूँ…!
अगर तुम साथ दो, अगर तुम..!”

– शायरी संग्रह

“यादों की अहमियत तब नहीं होती,
जब इंसान चला जाता है..!
उसकी अहमियत तब होती है..
जब आपको एहसास हो कि,
आप उस जैसी एक और
नई याद नहीं बना सकते …।”

– शायरी संग्रह

“उसकी बातों में सच्चाई लगती है..!
वो लब खोले तो शहनाई लगती है..!!”

– शायरी संग्रह

“तूने कब खोला है दिल की परतों को
याद तेरी अपनी परछाई लगती है..!”

– शायरी संग्रह

“हम भी अपने आप से कुछ वादे करते..
तेरे लब से बात रुबाई लगती है..!”

– शायरी संग्रह

“अपनापन रहता था पहले झगड़ों में..!
अब अपनों की बात पराई लगती है।”

– शायरी संग्रह

“हमने शर्तें हारीं, शर्तें जीतीं भी
जीत मगर अपनी रुसवाई लगती है।”

– शायरी संग्रह


“आज फिर किसी ने मेरे जख्मों को कुरेदा है,
आज फिर उसकी बहुत याद मुझे आयी है।
बेवफा भी नहीं कह सकते हैं ऐ दोस्तों उसे,
बस उसने मोहब्बत शिद्दत से नहीं निभाई थी।”

– शायरी संग्रह


“बड़ा ही गहरा नशा है उसकी खुशबू में मुर्सिद , एक मुलाकात जो हो तो महीनो तक याद रहती है।”

– शायरी संग्रह


“उसकी यादों को किसी कोने में छुपा नहीं सकता।
उसके चेहरे की मुस्कान कभी भुला नहीं सकता।
मेरा बस चलता तो उसकी हर याद को भूल जाता।
लेकिन इस टूटे दिल को मैं समझा नहीं सकता।”

– शायरी संग्रह

“किया करती थी जो वादे सात जन्मों के लिए..
एक साल में ही उसका इरादा बदलता गया..।”

– शायरी संग्रह

“नजरें तक हटती ना थी जिनकी हमसे कभी..
अब तो उनका दिल भी बेगाना होता गया..।”

– शायरी संग्रह

“उसकी याद आई है, साँसों ज़रा धीरे चलो..! धड़कनो से भी इबादत में खलल पड़ता है।”

– शायरी संग्रह

“फिर भी यादें रह ही जाती हैं कहीं कोने में। मुद्दते गुजरी उसकी याद भी ना आई हमें।
और हम भूल गए हों उसको, ऐसा भी नहीं।”

– शायरी संग्रह


“वर्णन नही शब्दो मे उसकी सादगी का…!
मेरा मेहबूब हर अदा में पसंद आता है मुझे..!”

– शायरी संग्रह

“चले गए हो तुम यह एक हकीकत है।
साथ होने का एहसास तो अभी बाकी है।
फूल गया तो क्या हुआ उसकी महक बाकी है?
दिल में हो उतरे तुम बने हो याद है इंतज़ार,
नयनों में हो बसे जमाए दिल पर अधिकार।
भूल कैसे जाऊं तुझे तेरे उस दिव्य स्वरूप को,
तुझे भूलना, भूलना होगाअपने वजूद को।”

– शायरी संग्रह


“इश्क करने की हुनर भी आए तो क्या हो,
मैल साफ करने की हुनर भी आए तो क्या हो..!”

– शायरी संग्रह

“मैं तो तन्हा ही सफर करता हूं जिंदगी में,
अगर उसकी याद भी आए तो क्या हो।”

– शायरी संग्रह

“दिल की लगी को दिखाएं भी तो कैसे
उसकी यादों में खुद को बुलाए भी तो क्या हो।”

– शायरी संग्रह


“इस दुनिया में सब मतलबी है..! पार्थ लोग तुम्हें जरूरत के समय याद करेंगे..! और जब तुमको उसकी जरूरत होगी वो तुम्हारे साथ नहीं होगी।”

– शायरी संग्रह


“उसकी हर इक याद में लज़्ज़त होती है,
पहली मुहब्बत पहली मुहब्बत होती है।”

– शायरी संग्रह

“तेरे साथ नहीं है तो अहसास हुआ,
इक तस्वीर की कितनी क़ीमत होती है।”

– शायरी संग्रह

“उसकी यादें क़ब्र में मेरी रख देना,
तन्हाई में मुझको वहशत होती है।”

– शायरी संग्रह


“उसे भुला भी दिया और याद भी रखा उसको,
नशा उतार दिया और खुमार रहने दिया।
कोई ख्वाब दिखाया न कोई गम दिया उसको,
उसकी आँखो में बस एक इंतजार रहने दिया।”

– प्रेम पत्र

“साथ मांगा मिला नहीं खुशी मांगी मिला नहीं..
प्यार मांगा किस्मत में था नहीं.. और दर्द बिन मांगे ही मिल गया…।”

– प्रेम पत्र


“ऐ दोस्त आपने मुझको मुझसे चुरा लिया..!
मेरी नज़्मों को दिल ओ जिगर में बसा लिया..!
प्यार की सौगात के लिए शुक्रिया आपका..!
कि दर्द में भी अब मुझे जीना सिखा दिया..!”

– प्रेम पत्र


“मेरी इन आँखो को प्यार का पता न चलता।
दिल को दर्द का एहसास न होता ।
कितना हसीन होता जिंदगी का सफ़र,
अगर मिलकर कभी बिछड़ना न हो।”

– प्रेम पत्र

“मेरे रोने का जिस में क़िस्सा है।
उम्र का बेहतरीन हिस्सा है।।”

– प्रेम पत्र

“तुम्हारे प्यार का मारा हुआ हूं। सिकंदर हूं मगर हारा हुआ हूं।।”

– प्रेम पत्र

“काश कभी समझ पाओ तुम।
मैं बदल नहीं रहा खत्म हो रहा हूं..।।”

– प्रेम पत्र

“जिनका मिलना किस्मत में ना हो,
उससे मोहब्बत कमाल की होती है।”

– प्रेम पत्र

“प्यार कल भी था, प्यार आज भी है ।
तेरे रहते भी था, तेरे जाने के बाद भी है..।।”

– प्रेम पत्र

“बिछड़ गए तो ये मन उम्र भर लगेगा नहीं।
लगेगा, लगने लगा है, मगर लगेगा नहीं।।”

– प्रेम पत्र

“जिंदगी ने एक बात तो अच्छे से सीखा दी.. हम किसी के लिए हमेशा खास नहीं रह सकते।”

– प्रेम पत्र

“सौ बार दिल से कहा, भूल जा उसे।
हर बार दिल ने कहा, तुम दिल से नहीं कहते।”

– प्रेम पत्र

“कितना तड़पा हूं, मुझसे पूछे कोई,
कितना तरसा हूं, मुझसे पूछे कोई।”

– प्रेम पत्र

“ये बारिश तो आएगी,चली जाएगी।
कितना बरसा हूं, मुझसे पूछे कोई..!”

– प्रेम पत्र

“किस रास्ते पर मंज़िल है,जानता हूं,
मै ख़ुद नक्शा हूं,मुझसे पूछे कोई।”

– प्रेम पत्र

“तुम रो लेती हो, गम बांटकर मुझसे
मैं कैसे हंसता हूं, मुझसे पूछे कोई।”

– यादों की बारात

“अंत में हम दोनो ऐसे अजनबी थे , जो एक दूसरे के बारे में सब कुछ जानते थे ..।”

– यादों की बारात

“कोई बिखर कर मुस्कुरा रहा है,
कोई मुस्कुरा कर बिखर रहा है।”

– यादों की बारात

“तेरी याद तेरी चाहत शायरी के अल्फाज बन गए,
भरी महफिल में लोग मेरे दर्द को भी वाह वाह कह गए..।”

– यादों की बारात

“ज़िन्दगी का सफ़र जहाँ में,
यूँ ही चल रहा है।।”

– यादों की बारात

“जिंदगी मिली न वफ़ा मिली
         क्यों,हर खुशी हम से खफा मिली।
झूठी मुस्कान लिए दर्द छुपाते रहे
         सच्चे प्यार की हमें क्या सजा मिली।”

– यादों की बारात

“हर बात को हँस के टालने वाले,
पहले रोकर सब समझ चुके होते हैं।”

– यादों की बारात

“तुम्हारे प्यार ने ना जाने,
कितने शायर बना दिये।”

– यादों की बारात

“देखो जहां भी हर जगह,
तूने आशिक बना दिये।”

– यादों की बारात

“सुना था आशिकी में तो लोग,
अपनी जान भी देते‌ हैं…।”

– यादों की बारात

“लेकिन तुम्हारे इश्क की तडप ने तो
यहाँ मुर्दे भी जगा दिए..।”

– यादों की बारात

“कभी यूँ ही बेवजह बैठ कर उसे याद किया है,
और फिर वजहों के साथ भुला दिया है।
कभी सारा दिन साथ गुज़ारने के बाद भी घर लौटने पर उसकी याद आई है,
तो कभी कई दिन उससे ना मिलने पर मिलने की फ़रियाद उठाई है।”

– यादों की बारात


“तो कभी मायूसी में उसका चेहरा देख मेरे चेहरे पर रौनक़ आई है।
उसके साथ जैसे एक पाल में कई उम्र बिताई है।
माना आज दूरियाँ बढ़ सी गई है,
पर उसके हिस्से का वक़्त आज भी तनहा गुज़रता है।
जैसे खामोशी में भी एक शोर है, उसका नान पुकारता हूँ मैं।”

– यादों की बारात


“उसकी हर अदा से प्यार है मुझे,
उसकी हर बात पर एतबार है मुझे।
दिन भर की हर घड़ी तो काम में बाँधी है,
मगर हर रात जैसे तनहाइयों की आँधी है।
उसके बिना उसके ख़्वाब दिन रात बुनता हूँ मैं,
लाखों है चेहरे जहाँ में,
पर हमेशा उसे ही चुनता हूँ मैं।”

– यादों की बारात

“भरी महफिल में तन्हा मुझे रहना सिखा दिया..!
तेरे प्यार ने दुनिया को झूठा कहना सिखा दिया..!!
किसी दर्द या ख़ुशी का एहसास नहीं है अब तो..!
सब कुछ ज़िन्दगी ने चुपचाप सहना सिखा दिया..!!”

– यादों की बारात

“इंसान को अपनी औकात का पता तब चलता है जब वो वहां से ठुकराया जाता है जहां से उसको सबसे ज्यादा उम्मीद रहती है…!”

– यादों की बारात

आज फिर उसे जाने दिया..!

मैंने सदियां बितायी थी उसकी याद मे. .
दिन को दोपहर,दोपहर को शाम, शाम को रात और रात को दिन होने में युग लग जाते है, ये मैंने जाना नहीं, जीया है।
 घड़ी के कांटे घूमते रहे, कैलेंडर के पन्ने पलटते रहे,पर वक़्त मानो थम सा गया था।।
तारीके बदली नहीं, दिन ढले नहीं,ना मेरी राते कटी,ना अरुणोदय हुआ….सब बिखरा हुआ था।
तुम्हारा प्रेम,तुम्हारी यादें, तुम्हारे कसमे, तुम्हारे शिकवे ….. सब बिखरा हुआ था।।
 थोड़ी देर से सही पर मुझे ज्ञात हुआ,, प्रेम को कभी माँगा नहीं जाता,उसको बुलाया नहीं जाता,उसको ना रोका जाता है…
जिसपे अधिकार ना हो,उसे ही माँगना पड़ता है..
जो तुम्हारा होता है वो हर परिस्तिथि में तुम्हारा होता है।
 और जो तुम्हारी पीड़ाओ के आक्रोश को समझ् नहीं पाता, उसके लिए अपने जीवन से मौन रहना कभी उचित नहीं।
तो फिर यूँ हुआ, मैंने उसको जाने दिया।।

“इरादों में अभी भी क्यों इतनी जान बाकी है,
तेरे किये वादों का इम्तिहान अभी बाकी है।”

– यादों का कारवां

“दूर उफ़क तक साथ मेरे आने वाले..!
लम्स तेरा जैसे पुरवाई लगती है..!!”

– यादों का कारवां

“उसके बिना उसके ख़्वाब दिन रात बुनता हूँ मैं..!
लाखों है चेहरे जहाँ में, पर हमेशा उसे ही चुनता हूँ मैं।”

– यादों का कारवां


“माना आज हमारे बीच काफ़ी दूरी है,
पर उसके बिना ज़िंदगी भी जैसे अधूरी है।
उसे बताने के लिए ना जाने कितनी बातें संजो कर रखी है,
पर लौट कर ना आने की ज़िद उसकी भी तो पक्की है।”

– यादों का कारवां

“किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार..!
और किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार..!!
किसी के वास्ते हो तेरे दिल में प्यार..!
जीना इसी का नाम है..!!”

– यादों का कारवां

“उसकी याद हमे बेचैन बना जाती है,
हर जगह हमे उसकी सूरत नजर आती है..।
कैसा हाल किया है मेरा आपके प्यार ने,
नीद भी आती है तो आंखे बुरा मान जाती हैं।”

– यादों का कारवां

“जिंदगी इसी का नाम है,
रोती है दिल आंखें और होंठों पर मुस्कान है..!
बिखेरने वालों की कमी नहीं यहां..
पर हम हर खुशी अपने में समेटे है..।”

– यादों का कारवां

“दिन गुज़रते गए उनका प्यार कम होता गया..
दिल मेरा उसकी याद में तड़प कर रोता गया..।”

– यादों का कारवां

“ना किया कर अपने दर्द को शायरी में बयान ऐ दिल।
कुछ लोग टूट जाते हैं इसे अपनी दास्तान समझकर।।”

– यादों का कारवां

“वो दिन मुझे आज भी याद है,
तूने बिन बताये जब दिल का मकान ये छोड़ा था।
रोकने की तुझे की थी दिल ने लाख कोशिश,
पर तूने काफी बर्बरता से उसकी उम्मीदों को तोड़ा था।”

– यादों का कारवां

निष्कर्ष-

यदि भौतिक आकर्षण और आवश्यताएँ न हों तो कोई किसी से प्यार नहीं करता। प्यार सब परिस्थितियां करवाती हैं। इस अंक में किसी की याद में भरी शायरी संकलित

एक सेठ अपने घोड़े पर बैठकर कहीं जा रहे थे। रास्ते में एक विकलांग रो रहा था। उसे कहीं जाना था। कोई उसकी मदद नहीं कर रहा था। सेठ को दया आ गई। उन्होंने उस विकलांग व्यक्ति को घोड़े पर बैठा लिया। कुछ दूर चलकर विकलांग आदमी ने धक्का देकर सेठ को नीचे गिरा दिया। और घोड़ा लेकर भाग गया।

अतः आधुनिक प्रेम भी ठीक वैसे ही है। किसी को परिस्थितियों वश तुमसे प्यार हो गया! और तुम भी उसे दिल दे बैठे..! जितनी सम्भव हो सकी उसकी मदद की! क्योंकि उसने तो सात जन्मों तक तुम्हारे साथ रहने के वादे किए हैं!जिससे तुमको प्यार था उसका समय बदला! उसने तुमको छोड़ने के लिए दो पल भी नहीं सोचा! और तुमको छोड़कर चला गया। अब तुम रोते रहो जिंदगी भर उसकी याद में! चाहे वो तुमको कभी याद भी न करे।

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